वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने Ernst & Young (EY) कंपनी की 26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट Anna Sebastian की मौत पर दिए अपने बयान पर मचे विवाद पर अपनी बात रखी है। यह कहा जा रहा है कि Anna की मौत काम के ज्यादा दबाव के कारण हुई, जिसे लेकर social media और विपक्ष ने वित्त मंत्री के बयान को “कठोर” बताया था।
Nirmala Sitharaman ने कहा कि उन्होंने कभी भी पीड़िता को दोष नहीं दिया और उनका बयान केवल आत्मशक्ति और दिव्यता पर आधारित था। उन्होंने यह भी साफ किया कि उनके कहने का उद्देश्य किसी को दोष देना नहीं था, बल्कि काम के दबाव को संभालने के लिए अंदरूनी ताकत (Atmashakti) की जरूरत पर जोर देना था। उन्होंने कहा, “मैंने सिर्फ यह कहा कि काम के दबाव से निपटने के लिए दिव्यता और सही तरीका की जरूरत होती है। इसमें किसी भी तरह की पीड़ित को दोष देने वाली बात नहीं की गई।”
इस बीच, Labour Department ने भी Anna की मौत के पीछे काम के गलत माहौल की जांच कराने का भरोसा दिलाया है। Anna के परिवार का कहना है कि वह चार महीने पहले ही EY में शामिल हुई थीं और काम के दबाव ने उनकी जान ले ली। Anna की मां ने EY इंडिया के चेयरमैन को पत्र लिखकर काम के अत्यधिक दबाव और लंबे काम के घंटे को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
Priyanka Chaturvedi, शिवसेना की सांसद, ने social media पर Nirmala Sitharaman के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि Anna के पास आत्मशक्ति थी, लेकिन काम के गलत माहौल ने उनकी जान ले ली। उनका कहना था कि ऐसे मामलों में सरकार को थोड़ा समझदार होना चाहिए।
Dear Nirmala Sitaraman ji,
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) September 23, 2024
Anna had inner strength to handle the stress that came with pursuing a gruelling Chartered Accountancy degree. It was the toxic work culture, long work hours that took away her life which needs to be addressed. Stop victim shaming and atleast try to be… pic.twitter.com/HP9vMrX3qR
Ernst & Young ने Anna की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि वे इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। कंपनी ने यह भी आश्वासन दिया कि वे अपने कर्मचारियों की भलाई को प्राथमिकता देंगे और काम के माहौल को सुधारने के लिए कदम उठाएंगे।
इस घटना ने देश भर में काम काजी माहौल और कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल उठाए हैं, खासकर उन नौजवान लोगों के लिए जो बहुत ज़्यादा काम के दबाव में जी रहे हैं।